सामान्य जानकारी
वर्ष 2002 में विकिरण चिकित्सा विभाग को क्षेत्रीय कैंसर केंद्र (आर.सी.सी) का दर्जा मिलने के बाद यह विभाग एक सम्पूर्ण रूप से विकसित कैंसर केंद्र के रूप में विकसित हुआ है। विकिरण चिकित्सा प्रति वर्ष लगभग 2500 कैंसर के नए रोगियों और लगभग 25,000 अनुवर्ती चिकित्सा रोगियों को सेवाएं प्रदान करती है, जिनमें अधिकांशत: गर्भाशय, सर्विक्स, सिर एवं गले और स्तन कैंसर रोगी शामिल हैं। अत्याधुनिक उपचार मशीनों के उपयोग से उन्नत विकिरण निदान उपचार तकनीकें विशेषकर इमेज-गाईडेड रेडियोथेरपि, इन्टेन्सिटी मॉड्युलेटेड रेडियोथेरपि तथा इमेज-गाईडेड ब्रैकीथेरपी प्रदान की जाती हैं। वर्ष 2020 में विभाग ने सव़्इकल कैंसर में एम.आर. बेस्ड इमेज-गाइडेड अडैप्टिव़ ब्रैकीथेरपि की शुरूआत की है। विभाग का उद्देश्य उपलब्ध सभी संसाधनों के प्रयोग से रोगियों को यथासंभव और सर्वश्रेष्ठ सेवा प्रदान करना, रेज़िडेन्ट्स एवं संबद्ध स्वास्थ्य देखभाल छात्रों को उच्च गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ क्षेत्रीय कैंसर केंद्र तथा आर.सी.सी., जिपमेर को ऑन्कोलॉजी में विश्व की अग्रणी संस्थान बनाने में योगदान करना हैं। वर्ष 2019 में विभाग के नाम को पुन:नामकरण करके रेडिएशन ऑन्कोलॉजी कर दिया गया। ए.ई.आर.बी. मानकों के अनुसार, पुरानी मशीनों के स्थान पर नई मशीने लाने के लिए परंपरागत विकिरण योजना ब्लॉक को नया स्वरूप दिया जा रहा है। विभाग में नैदानिक और शैक्षणिक विस्तार आर.सी.सी., जिपमेर फेज़-3 परियोजना की प्रक्रिया पर है।
Last Updated :29-Aug-2022