सामान्य जानकारी
विभाग ने वर्ष 1994 में एक अभ्यर्थी के प्रवेश के साथ क्षयरोग एवं श्वसन रोग में एम.डी. उपाधि (डिग्री) की शुरूआत की और बाद में वर्ष 2011 से इसे बढ़ाकर प्रतिवर्ष 2 अभ्यर्थी कर दिया गया। वर्ष 2015 से, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जनवरी और जुलाई के दो सत्रों में होता है जिसमें जिपमेर की एम.डी./ एम.एस. प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रत्येक सत्र में चुने गए दो अभ्यर्थियों को दाखिला दिया जाता है। पल्मोनरी मेड्सिन विभाग में सोमवार से शनिवार तक दैनिक ओ.पी.डी. सेवा और प्रत्येक शुक्रवार दोपहर (2:00 से 4:30 बजे तक) में श्वसन एलर्जी और इम्यूनोथेरपी क्लिन्इक होती है। विभाग में फ़ाइबरॉपटिक ब्रॉन्कोस्कॉप, वीडियो ब्रॉन्कोस्कोप और अर्ध-कठोर थोरैकोस्कॉपी जैसी नैदानिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। नैदानिक ब्रॉन्कोस्कॉपी प्रक्रियाएं की गई जिनमें ट्रॉन्स ब्रॉन्किओल नीडल ऐस्पिरेशन (टी.बी.एन.ए.), ब्रॉन्किअलवीलर लैवेज (बी.ए.एल.), ट्रॉन्स ब्रॉन्किओल लन्ग बायॉप्सी (टी.बी.एल.बी.), एन्डो ब्रॉन्किओल बॉयोलॉजी (ई.बी.बी.), ब्रॉन्किओल वॉशिगं, ब्रॉन्किओल ब्रशिगं और एन्डोब्रॉन्किओल नीडल ऐस्पिरेशन (ई.बी.एन.ए.) शामिल हैं। अन्य नैदानिक प्रक्रियाओं में प्लेयूरल बायॉप्सी, सेमि रिज़िड थोरैकोस्कॉप का उपयोग करते हुए फेफड़े की बायॉप्सी, सी.टी./ यू.एस.जी. गाईडेड पर्क्यूटेनियस लन्ग एफ.एन.ए.सी./ बायॉप्सी, थेरप्यूट्इक थोरैकोसेन्टिसिस, ट्यूब थोरैकोस्टॉमी और प्लियुरोडसिस का निष्पादन कर रहे हैं। विभाग में लेवल 1 स्लीप लैब, छाती की सोनोग्रॉफी, अत्याधुनिक स्पाइरोमेट्री तथा डी.एल.सी.ओ. मशीन के साथ पल्मोनरी फंक्शन प्रयोगशाला और दीर्घकालीन पल्मोनरी डिज़ीज़ के रोगियों के लिए पल्मोनरी पुनर्वास कार्यक्रम हैं। विभाग के पास गंभीर बीमार रोगियों के इलाज के लिए नॉन-इन्व़ेस्इव़ और इन्व़ेस्इव़ दोनों तरह के वेंटिलेटर भी हैं। विभाग हाल ही में एन्डोब्रॉन्किओल अल्ट्रासाउंड (ई.बी.यू.एस.) उपकरणों से सुसज्जित हुआ है जो अंतरालीय (इन्टस्टिशल) फेफड़ों की बीमारियों के निदान में मदद करता है।
वर्ष 2009 से राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम (एन.टी.ई.पी.) के अंतर्गत एक नामित माइक्रोस्कॉपी केन्द्र (डी.एम.सी.) विभाग में जुड़ा हुआ है। विभाग में संकाय अत्यधिक अभिप्रेरित हैं और स्नातकपूर्व, स्नातकोत्तर, बी.एस.सी. नर्सिंग एवं आपातकालीत चिकित्सा तकनीशियन पाठ्यक्रम (ई.एम.टी.सी.) के छात्रों के शिक्षण में तथा अनुसंधान गतिविधियों के मार्गदर्शन में अंन्तर्निहित हैं। हमारे रेज़िडेन्ट्ओं और संकायों द्वारा किए गए शोधकार्यों के पोस्टर/ मौखिक प्रस्तुतियाँ नियमित रूप से कई क्षेत्रीय/ राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत तथा वैज्ञानिक जर्नलों में प्रकाशित की जाती हैं। विभाग का उद्देश्य सभी उपलब्ध संसाधनों के साथ रोगियों को सर्वोत्तम इलाज प्रदान करना और उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण के साथ-साथ विभाग को रेस्पिरेटरि केयर (श्वसन देखभाल) के लिए एक राष्ट्रीय बेंचमार्क बनाने में योगदान देना है। विभाग यह भी सुनिश्चित करता है कि स्नातकोत्तर रेजिडेन्ट प्रशिक्षण अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के समतुल्य हो।