सामान्य जानकारी
वर्ष 1986 से, जिपमेर में पी.एम.आर. विभाग कार्यशील है। यह 1 जनवरी 2019 से अस्थिरोग चिकित्सा विभाग से अलग कर दिया गया है। फरवरी 2012 से पी.एम.आर. की ओ.पी.डी. नियमित रूप से कार्यरत है और अगस्त 2013 से अंतरंग सेवाएं पुनः आरंभ हो चुकी हैं। विभाग अस्थिरोग सहित यू.जी के शिक्षण और अस्थिरोग और इम्यूनोलॉजी के पी.जी विद्यार्थियों की परिधीय पोस्टिंग से संबंधित रहा है। यह नर्सिंग विद्यार्थियों के प्रशिक्षण से भी जुड़ा है।
वर्ष 1966 में जिपमेर में अस्थिरोग चिकित्सा विभाग के अधीन सीमित कर्मचारी, उपकरण और स्थान के साथ फ़िज़िओथेरपि अनुभाग और व्यावसायिक चिकित्सा अनुभाग शुरू किया गया था। बाद में उन्हें वर्ष 1985 में विशाल पी.एम.आर.सी. ब्लॉक, द्वितीय तल पर स्थानांतरित कर दिया गया। अपने नियमित दायित्वों के निर्वहन के अलावा, चिकित्सक सी.पी. क्लिन्इक/ पोलियोमाइलाइटिस क्लिनिक जैसे विशेष क्लिनिक में भी सेवा प्रदान करते हैं। ऑर्थोटिक अनुभाग वर्ष 1968 में आरंभ हुआ था और यह रोगियों को विभिन्न प्रकार के ऑर्थोसेस प्रदान करती है। पी.एम.आर. ब्लॉक में कृत्रिमांग (प्रोस्थेटिक्स) अनुभाग वर्ष 1986 से कार्यशील है। विभिन्न विभागों द्वारा रेफरल रोगियों को उपयुक्त कृत्रिम अंग लगाए जाते हैं।