अनुसंधान

पूर्ण अनुसंधान

पीएच.डी परियोजनाएं

  1. रुमेटीइडगठिया के रोगियों में रोग गतिविधि, हृदय स्वायत्त कार्यों और सूजनमार्करों पर योग चिकित्सा का प्रभाव - एक रैन्‍डमाइज़्ड कंट्रालड ट्रॉयल।
  2. मधुमेह न्यूरोपैथी में तंत्रिका चालन और स्वायत्त शिथिलता पर शहद पूरकता का प्रभाव।
  3. मोटे व्यक्तियों में मस्तिष्क व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक कारक (बीडीएनएफ)और अनुभूति, इंसुलिन संवेदनशीलता, लिपिड प्रोफाइल, बैरोफ्लेक्स संवेदनशीलताके साथ इसके संबंध का आकलन

एम.डी परियोजनाएं

  1. ‘’थायरॉइड सप्लीमेंट्स के अलावा हाइपोथायरायड के रोगियों में स्वायत्त कार्यों, ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन मार्करों पर तीन महीने की योग चिकित्सा के प्रभाव।‘’ दक्षिण भारत में एक तृतीयक देखभाल केंद्र में एक क्रॉस सेक्शनल, विश्लेषणात्मक, रैन्‍डमाइज़्ड ओपन लेबल अध्ययन।
  2. ‘’कीमोथेरेपी के दौर से गुजर रहे स्तन कैंसर के रोगियों में संज्ञानात्मक हानि के साथ ईईजी स्पेक्ट्रम और इसके संबंध का आकलन।‘’
  3. ‘’दक्षिण भारत में एक तृतीयक देखभाल केंद्र में स्थानीय रूप से उन्नत सिर और गर्दनस्क्वैमस सेल कार्सिनोमा रोगियों में कार्डियोवैस्कुलर स्वायत्त कार्यों, सीरम ऑटोनोमिक न्यूरोपैप्टाइड्स और शरीर संरचना पर गर्दन के विकिरण काप्रभाव - एक संभावित, विश्लेषणात्मक अध्ययन।‘’
  4. चक्कर .के साथ विषयों में कार्डियक ऑटोनोमिक फ़ंक्शन, संज्ञानात्मक कार्य और अवसाद के स्तर का आकलन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस मार्कर (Malondialdehyde) और Otolin-1 के साथ उनके जुड़ाव की पहचान करना और सामान्य स्वस्थ व्यक्तियोंके साथ उनकी तुलना करना।
  5. नवनिदान टाइप 2 मधुमेह मेलिटस में कार्डियोवैस्कुलर ऑटोनोमिक फ़ंक्शन, ऑक्सीडेटिव तनाव मार्कर और सूजन मार्करों के साथ विटामिन डी स्थिति का संघ।

एम. एससी.परियोजनाओं

  1. वयस्क मादा एल्बिनो विस्टार चूहों में संज्ञानात्मक कार्यों पर आहार संबंधीहस्तक्षेप का प्रभाव क्रोनिक इमोबिलाइजेशन स्ट्रेस के अधीन है।

यूजी परियोजनाएं

जी.जे. स्ट्रॉस

  1. ‘’कार्डियकसिम्पैथोवागल इंडेक्स और हालिया बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी देखभाल करने वालोंकी मनोवैज्ञानिक स्थिति के बीच संबंध’’ : एक पायलट अध्ययन।

ख) प्राप्त अनुदान (भीतरी अनुदान  और बाहरी अनुदान) (2020-21 में)

क्रम स.

प्रधान अन्वेषक का नाम

अंतर्गर्भाशयी/

अतिरिक्त भित्ति

 राशि

अनदान की अवधि

अनुदान एजेंसी

 

1.     

डॉ जीके पाल

भीतरी अनुदान

रु 2,50,000

2020-21

जिपमेर

 

2.                   

डॉ. जी.एस गौरी

भीतरी अनुदान

रु2.75, 000

2020-21

जिपमेर

 

3.                   

डॉ. प्रवती पाल

भीतरी अनुदान

रु. 3,25,000

2020-21

जिपमेर

 

4.                   

डॉ. बसंत मंजरी नायक

भीतरी अनुदान

200000

2020-21

जिपमेर

 

                 
                         

पेटेंट के लिए आवेदन प्रस्‍तुत  किया गया / दिया गया- शून्य

 प्रकाशन - इंडेक्ज़्ड जर्नल्स

  1. देवी .आर.वी, सुब्रमण्यम .वी, एडोल .पी.एस, सेंथिलकुमार .जी.पी, मेहलिंगम .वी – ‘’टाइप 2 डाइयबिटीज मेलिटस वाले रोगियों में कार्डियोवैस्कुलर ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी और सीरम ओमेंटिन और लेप्टिन के साथ इसका जुड़ाव। ज. फैमिली मेड प्राइम केयर। 2020;9:2926-30।
  2. एंडुकुरु .सी.के, गौर .जी.एस, येराबेली .डी, साहू .जे, वैरप्पन .बी – ‘’कट-ऑफ वैल्यूज एंडक्लिनिकल यूटिलिटी ऑफ सरोगेट मार्कर्स ऑफ इंसुलिन रेजिस्टेंस एंड सेक्रिएशनइन आइडेंटिफिकेशन इन मेटाबोलिक सिंड्रोम एंड इट्स कंपोनेंट्स इन दसाउथर्न-इंडियन एडल्ट्स।‘’ ज. ओबेस मेटाब सिंडर। 2020 दिसंबर 30; 29(4): 281–291। पी.एम.आई.डी: 33229629।
  3. एंडुकुरु .सी.के, गौर .जी.एस, येराबेली .डी, साहू .जे, वैरप्पन .बी – ‘’बिगड़ा हुआ बैरोफ्लेक्स संवेदनशीलता और कार्डियक ऑटोनोमिक फ़ंक्शन दक्षिण-भारत के एक तृतीयक देखभाल शिक्षण अस्पताल में मेटबॉलिक सिंड्रोम वाले रोगियों में हृदयरोग जोखिम कारकों से जुड़े हैं।‘’ मधुमेह मेटाब सिंडर। 2020;14(6):2043-2051।
  4. गणेशन .एस, गौर .जी.एस, नेगी .वी.एस, शर्मा .वी.के, पाल .जी.के – ‘’संधिशोथ के रोगियों में रोग गतिविधि, भड़काऊ मार्कर और हृदय गति परिवर्तनशीलता पर योग चिकित्सा का प्रभाव।‘’ ज. वैकल्पिक पूरक मेड. 2020;26(6):501-507।
  5. जैस्मीन .एम.आर, नंदा .एन, साहू .जे, वेलकुमारी .एस, पाल .जी.के –‘’ऑस्टियोप्रोटीन का बढ़ा हुआ स्तर टाइप -2 मधुमेह के रोगियों में बिगड़ा हुआ कार्डियोवैगल मॉड्यूलेशन के साथ जुड़ा हुआ है, जिसका इलाज मौखिक एंटीडायबिटिक दवाओं सेकिया जाता है।‘’ बी.एम.सी कार्डियोवैस्क डिसॉर्डर। 2020;20(1):453 (आई.एफ: 078)।
  6. कौशिक .वी, वेलकुमारी .एस, सेठी .पी, फेउला .जे.एम, सुभाश्री .एस, अबिरामी .एम – ‘’एसोसिएशन ऑफ हैंडग्रिप स्ट्रेंथ एंड एंड्योरेंस विद बॉडी कंपोजिशन इन हेडएंड नेक कैंसर पेशेंट्स।‘’ ज. फैमिली मेड प्राइम केयर 2021; 10:910-6।
  7. सरण्‍या .वी, कुप्पुसामी .एस, पाल .पी, मलाती .एम, राजप्पा .एम, फ्रेड्रिक .जे –     ‘’पल्मोनरी फंक्शन गंभीरता इंटरल्यूकिन -23 स्तरों के संबंध में सोरायसिस वल्गरिस केरोगियों में।‘’ ज. बेसिक क्लीन फिजियोल फार्माकोल। 2020 अप्रैल 28;31(6)। डी.ओ.आई: 1515/जे.बी.सी.पी.पी-2019-0229।पी.एम.आई.डी: 33258363।
  8. शाह .जेड, पाल .पी, पाल .जी.के, पापा .डी, भारद्वाज .बी –‘’गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा अनुभव किए गए अवसादग्रस्त लक्षणों और तनाव के साथ हृदय गति परिवर्तनशीलता और बैरोफ्लेक्स संवेदनशीलता के संबंध का आकलन।‘’ ज. प्रभावित विकार। 2020; 277: 503–9। (आई.एफ: 448)।
  9. सिरीशा .ए, गौर .जी.एस, पाल .पी, बॉबी .जेड, बालकुमार .बी, पाल .जी.के – ‘’मधुमेह न्यूरोपैथी विस्टार चूहों के एक प्रयोगात्मक मॉडल में ऑक्सीडेटिव तनाव और तंत्रिका चालन पर शहद और इंसुलिन उपचार का प्रभाव।‘’ एक और। 2021;16(1): e0245395।
  10. सुभाश्री .एस, पाल .पी, पाल .जी.के, पापा .डी, नंदा .एन – ‘’घटी हुई बैरोफ्लेक्स संवेदनशीलता कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम और प्रारंभिक पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में प्रीहाइपरटेंशन स्थिति से जुड़ी है।‘’ क्लिन क्स्प हाइपरटेन्स। https://डी.ओ.आई: .org/10.1080/10641963.2020.1817475। (आई.एफ: 1.789)।

छप्रकाशन – नॉन इंडेक्‍ज़्ड जर्नल्‍स   

  1. बालकृष्णन .के, पाल .जी.के, नंदा .एन, धनलक्ष्मी .वाई, भारती .बी, रेणुगासुंदरी .एम, एवं अन्‍य – ‘’एल्बिनोविस्टार रैट्स में शरीर के वजन, मेटाबॉलिक प्रोफाइल और लिपिड जोखिम कारकोंपर मेडियल एमिग्डाला में डोपामाइन की भूमिका का आकलन।‘’ इंट ज. क्लीन इक्स्प फिजियोल . 2020;7(4):151–4।
  2. एंडुकुरु .सी.के, गौर .जी.एस, येराबेली .डी, साहू .जे, वैरप्पन .बी – ‘’मेटाबोलिक सिंड्रोम में कार्डियोवास्कुलर रिस्क के एक पुटेटिव बायोमार्कर के रूप मेंचेमेरिन की भूमिका’’ : एक संक्षिप्त समीक्षा। इंट ज. क्लिन इक्स्प फिजियोल. 2020;7(1):3-10।
  3. गणेशन .आर, गौर .जी, कार्तिक .एस, विष्णुकांत – ‘’गैर-धूम्रपान करने वालों और सी.ओ.पी.डी के साथ सक्रिय धूम्रपान करने वालों में भड़काऊ बायोमार्कर (PARC/CCL18) का अध्ययन।‘’ इंट ज. बेसिक एपल फिजियोल। 2020;9(1):95–9।
  4. गणेशन .एस, नेगी .वी.एस, गौर .जी.एस, शर्मा .वी.के, पाल .जी.के – ‘’संधिशोथ के साथ दक्षिण भारतीय रोगियों में रोग गतिविधि और सूजन मार्करों के साथ सहानुभूति असंतुलन का सहसंबंध।‘’ इंटजेक्लीन इक्स्प फिजियोल. 2020;7(2):58-62।
  5. जयगणपति .जे, राजसेखरन .आर, दुबाशी .बी, मणि .टी – ‘’एसोसिएशन बीच कार्डिएक सिम्पैथोवागलइंडेक्स और हालिया बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी देखभाल करने वालों की मनोवैज्ञानिक स्थिति’’ : एक पायलट अध्ययन। नेटल ज. फिजियोल फार्मा फार्माकोल। 2021;11(02):201-5।
  6. जोथी .एम.एफ.ए, धनलक्ष्मी .वाई, पाल .जी.के, संध्या .एस – ‘’दक्षिण भारतीय आबादी में मैट्रिक्स मेटालोप्रोटीनेज द्वारा योगदान फुफ्फुसीय कार्यों के लिए ऑक्सीडेटिव तनाव का लिंक- एक अवलोकन अध्ययन।‘’ इंटजेक्लीन इक्स्प फिजियोल. 2020;7(2):77-80।
  7. महेश .ए, प्रभु .एन, कमलनाथन .एस – ‘’नव निदान हाइपोथायरायड और हाइपरथायरायड पुरुषोंमेंअनुभूति और संवेदी तंत्रिका चालनके स्तर का आकलन।‘’ इंडियन ज. एपल रेस। 2020;10(5)। आई.एस.एस.एन नंबर 2249 - 555X, डी.ओ.आई: 36106/ijar।
  8. मनिवण्‍णन .एस, पाल .पी, पाल .जी.के, हबीबुल्लाह .एस – ‘’उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के एक समूह में प्रीक्लेम्पसिया के लिए घटना और जोखिम कारक’’: दक्षिणभारत से एक नेस्टेड केस-कंट्रोल अध्ययन।लेखक । 2020; 11 जून। डी.ओ.आई: 22541/au. 159188544.46638482।
  9. पाल .जी.के – ‘’कोविड-19 से लड़ने और रोकने के लिए योग।‘’ इंट ज. क्लिन एक्स पी फिजियोल। 2020;7(2):46 – 7।
  10. पाल .जी.के –‘’प्रीमेटाबोलिक सिंड्रोम भारतीय आबादी में एक प्रमुख हृदय रोग जोखिम है।‘’ इंट ज. क्लीनइ इक्स्प फिजियोल . 2020;7(4):129–30।
  11. पाल जी.के.माइक्रोबायोटा-गट-ब्रेन एक्सिस का एकीकरण: स्वायत्त तंत्रिका प्रभाव का महत्व।इंट ज.क्लीन Expक्स्प फिजियोल . 2021;8(1): 1-2.डीओआई: 5530/ijcep.2021.8.1.x.
  12. पाल .जी.के, नंदा .एन –‘’प्रवण मुद्रा में आसन और धीमे प्राणायाम कोविड-19 रोगियों में श्वसन संबंधी जटिलताओं को रोक सकते हैं।‘’ इंट ज. क्लीन इक्स्प फिजियोल 2020;7(3):89–90।
  13. पाल .जी.के, नंदा .एन, रेणुगासुंदरी .एम, पाल .पी –‘’प्रोन आसन और पाल प्राणायाम कोविड-19 के मनोदैहिक तनाव और जटिलताओं को ठीक करने और रोकने में मदद कर सकते हैं।‘’ योग भौतिक वहाँ पुनर्वास। 2020; 5: 1078. डी.ओ.आई: 29011/2577-0756.001078।
  14. पाल .जी.के, नंदा .एन, रेणुगासुंदरी .एम, पाल .पी, पचेगांवकर .यू – ‘’रिकवरी चरण में कोविड ​​​​-19 रोगियों में मायलगिया, सिर दर्द, मनोवैज्ञानिक तनाव और श्वसन समस्याओं पर प्रवण आसन और पाल के प्राणायाम के तीव्र प्रभाव।‘’ बायोमेडिसिन। 2020; 40(4): 526–30।
  15. रेणुगासुंदरी .एम, पाल .जी.के, चतुर्वेदुला .एल, नंदा .एन, हरिचंद्रकुमार .के.टी, विद्यालक्ष्मी एल – ‘’शॉर्ट-कोर्स योग थेरापि के बाद गर्भकालीन मधुमेह मेलिटस में भ्रूण के परिणामों और हृदय स्वास्थ्य में सुधार।‘’ इंट ज. क्लिन इक्स्प फिजियोल . 2021;8(1):26-30. डी.ओ.आई: 5530/ijcep.2021.8.1.x।
  16. विनुबालन .वी, कार्तिक .एस, सदीशकुमार .के, माधवन .सी – ‘’टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में एबीओ रक्त समूहों के बीच टखने के ब्रेकियल इंडेक्स और ऑटोनोमिक रिएक्टिविटी का आकलन।‘’ इंडियन ज. एपल रेस 2020;10(4):1–3।
  17. विश्वनाथन .ए, सुब्रमण्यम .वी, पाल .जी, गोसी .के – ‘’कार्डियक ऑटोनोमिक फंक्शन्स पर चंद्रनादि प्राणायाम के 12 सप्ताह के अभ्यास का प्रभाव, प्री-हाइपरटेंसिव यंग एडल्ट मेल्स में कथित स्ट्रेस स्कोर और बायोकेमिकलपैरामीटर्स- एक पायलट स्टडी।‘’ इंट ज. क्लिन इक्स्प फिजियोल. 2020;7(3):112-8।

पुस्‍तक में अध्‍याय / सम्‍मेलन की कार्यवाही

  1. पाल .जी.के, पाल .पी – ‘’प्रैक्टिकल फिजियोलॉजी की पाठ्यपुस्तक’’, 5 वां संस्करण, 2020, यूनिवर्सिटी प्रेस।
  2. पाल .जी.के, पाल .पी, नंदा .एन –‘’मेडिकल फिजियोलॉजी की पाठ्य पुस्तक’’, तीसरा संशोधित संस्करण, 2020, एल्सेवियर इंडिया-आहूजा प्रकाशन।
  3. एंडुकुरु .सी.के, गौर .जी.एस, येराबेली .डी, चरणराज गौड़ .ए, साहू .जे, वैरप्‍पन .बी – ‘’दक्षिण-भारतीय वयस्कों के बीच मेटाबॉलिक सिंड्रोम में शरीर में वसा प्रतिशत के लिए बायोइलेक्ट्रिकल प्रतिबाधा विश्लेषण के साथ सी.यू.एन-बी.ए.ई इंडेक्स व्युत्पन्न समीकरण की तुलना।‘’ स्मारिका-बी.एम.एस अंतर्राष्ट्रीय ई-सम्मेलन 2020 (17 से 19 सितंबर)। 
  4. एंडुकुरु .सी.के, गौर .जी.एस, येराबेली .डी, साहू .जे, वैरप्पन .बी – ‘’मेटाबोलिक सिंड्रोम के लिए विभिन्न जोखिम स्तरों वाले वयस्कों के बीच पारंपरिक हृदय गतिपरिवर्तन शीलता के साथ पॉइन केयर प्लॉट विश्लेषण का सह संबंध।‘’ एस.एम.आई.एम.एस. (SMIMS), सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय, गंगटोक में 5 से 7 अक्‍तूबर 2020 तक आयोजित स्मृति-चिह्न-छठे वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बेसिक  एंड एप्लाइड फिजियोलॉजी (ICONBAP2020) पर। 
  5. एंडुकुरु .सी.के, गौर .जी.एस, येराबेली .डी, चरणराज गौड़ .ए, साहू .जे, वैरप्‍पन .बी – ‘’क्या प्री-मेटाबॉलिक सिंड्रोम की नई अवधारणा दक्षिण-भारतीय वयस्कों के बीच प्रारंभिक कार्डियो-मेटाबॉलिक डिसफंक्शन के संकेत के रूप में दर्शाती है?’’ तमिलनाडु और पुदुच्‍चेरी  की एंडोक्राइन सोसाइटी का 8 वां वार्षिक सम्मेलन – ट्रेन्‍डो 2020 (TRENDO 2020) 4 से 6 दिसंबर 2020 तक। 
  6. एंडुकुरु .सी.के, गौर .जी.एस, येराबेली .डी, चरणराज गौड़ .ए, साहू .जे, वैरप्पन .बी। ‘’कार्डियोमेटाबॉलिक मापदंडों पर मेटाबॉलिक सिंड्रोम की पूर्व-रोग स्थितियों के एकल और संयोजन के प्रभाव का अध्ययन करने का उपन्यास दृष्टिकोण।‘’ 18 से 20 मार्च 2021 तक छठे जिपमेर वार्षिक अनुसंधान दिवस समारोह के लिए सार।
  7. कटुरी .आर.बी, गौर .जी.एस, साहू .जे.पी, बॉबी .जेड, षण्‍मुखवेल .के –‘’एसोसिएशन ऑफ ब्रेन-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर विद बैरोफ्लेक्स सेंसिटिविटी इन सदर्न इंडियन एडल्ट ओबेसिटीज। 8वां  तमिलनाडु की अंत: स्रावी सोसायटी के वार्षिक सम्मेलन और पुदुच्‍चेरी  - ट्रेन्‍डो2020 (TRENDO 2020) 4 से- 6 दिसंबर 2020। 
  8. कटुरी .आर.बी, गौर .जी.एस, साहू .जे.पी, बॉबी .जेड, षण्‍मुखवेल .के – ‘’लेप्टिन, एडिपोनेक्टिन अनुपात (एल / ए) मोटापे से ग्रस्त आबादी में स्वायत्त शिथिलता के लिए एक बायोमार्कर हो सकता है।‘’ स्मारिका-बी.एम.एस अंतर्राष्ट्रीय ई-सम्मेलन 2020 (17- 19 सितंबर 2020)। 
  9. रेणुगासुंदरी .एम, पाल .जी.के, चतुर्वेदुला .एल, नंदा .एन, हरिचंद्रकुमार .के.टी, विद्यलक्ष्मी .एल – ‘’कार्डियोमेटाबोलिक जोखिमों पर शॉर्ट-कोर्स योग अभ्यास का आकलन, गर्भकालीन मधुमेह मेलेटस में भ्रूण के परिणाम और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य।‘’ स्मारिका - अंतर्राष्ट्रीय आभासी सम्मेलन जैव चिकित्सा वैज्ञानिकों के इंडियन एसोसिएशन की (12 से 14 मार्च, 2021) 
Last Updated :30-Aug-2022