अनुसंधान

अनुसंधान पूर्ण(2020-21 में परियोजना शीर्षकों की सूची, रोमन क्रमांकित में) 

  1. "ऑप्टिक नर्व शेथ डाइयमीटर’’ तंत्रिका म्यान व्यास (ओ.एन.एस.डी) का उपयोग करके मध्यम और गंभीर सिरकी चोट वाले रोगियों में इंट्राक्रैनील दबाव का गैर-आक्रामक माप औरनैदानिक ​​​​और रेडियोलॉजिकल परिणाम के साथ तुलना- एक पायलट स्‍टडी" - डॉ. दिनेश वर्मा द्वारा डॉ. ए.एस. रमेश के मार्गदर्शन में पूरा किया गया।
  2. "द्विपक्षीयफ्रंटल क्रैनियोटॉमी और एनब्लॉक बाइफ्रंटल डीकंप्रेसिव क्रेनिएक्टोमी परतुलनात्मक अध्ययन" डॉ. स्थिया प्रभु के मार्गदर्शन में डॉ. राजिंदर द्वारा पूरा किया गया।
  3. "सिर की चोट वाले बुजुर्ग रोगियों में मध्य मस्तिष्क धमनी हेमोडायनामिक्स" पर अध्ययन डॉ. ए.एस. रमेश के मार्गदर्शन में आपातकालीन चिकित्सा विभाग के डॉ. माधवन द्वारा पूरा किया गया।

जारी अनुसंधान

  • डॉ गोपालकृष्णन द्वारा हेड-एंड एलिवेशन वेर्सस पूरी तरह से लापरवाह (ऊंचास्थिति) की प्रभावशीलता पर रैन्‍डमाइज़्ड कंट्रोल्‍ड, नॉन-इन्‍फीरियारिटी यह देखने के लिए कि कितनी तेजी से दर्दनाक न्यूमोसेफलस हल हो रहा है।एमएस शोध परिकल्पना है कि सिर अंतिम ऊंचाई न्यूमोसेफालस के साथ एकपारंपरिक सिर की सपाट स्थिति से नीच नहीं है।‘’  
  • डॉ गोपालकृष्णन के मार्गदर्शन में सुश्री बुज्जी कर्रा द्वारा – ‘’ललाट क्रैनियोटॉमी के दौर से गुजर रहे रोगियों मेंघ्राण पैदा करने की क्षमता का अध्ययन ‘’ यह देखने के लिए कि क्या उस क्षमता को प्राप्त किया जा सकता है और घ्राण को संरक्षित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।‘’ एम.एस.
  • डॉ. सुप्रिया, डॉ.एम.मनोरंजिताकुमारी के मार्गदर्शन में –‘’बाल चिकित्सा ब्रेनट्यूमर क्लिनिको पैथोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल प्रोफाइल और परिणामपर एक अवलोकन अध्ययन कर रही हैं।‘’  
  • डॉ. कश्यप व्यास, डॉ. ए. साथिया प्रभु के मार्गदर्शन में– "बाल चिकित्सा आबादी में डीकंप्रेसिव क्रेनिएक्टोमी की प्रभावशीलता का पूर्वव्यापीविश्लेषण" कर रहे हैं।
  • " वेंट्रिकुलोपेरिटोनियलशंट विफलता सेजुड़ी घटनाओं और कारकों का आकलन" डॉ. ए.एस. रमेश के मार्गदर्शन में डॉ. अंकन द्वारा संचालित एक रेट्रॉस्‍पेक्टिव अग्‍सर्वेशनल स्‍टडी।
  • ‘’दर्दनाक मस्तिष्क की चोट में ब्लीड टू ब्रेन अनुपात कीउपयोगिता पर पूर्वव्यापी अध्ययन कर रहे हैं, यह देखने के लिए कि क्या इसकाउपयोग सर्जिकल निर्णय लेने को सूचित करने के लिए किया जा सकता है।विभिन्नआकारों और आकारों में ब्लीड्स की कुल मात्रा को इस अनुपात को प्राप्त करनेके लिए कुल इंट्राक्रैनील वॉल्यूम से विभाजित किया जाता है जो सामान्यनिर्णय लेने के लिए एक अलग दृष्टिकोण है जो केवल एक प्रकार के ब्लीड परविचार करता है –‘’ पर द्वारा रेटा्रस्‍पेक्टिव कोहॉर्ट स्‍टडी।
  • डॉ हेम चंदर पांडे और डॉ गोपालकृष्णन द्वारा रूढ़िवादी रूप से प्रबंधितमस्तिष्क आघात के रोगियों पर नैदानिक ​​और रेडियोलॉजिकल गिरावट कीभविष्यवाणी करने के लिए निकट अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपी द्वारा सेरेब्रलऑक्सीमेट्री पर एक संभावित अवलोकन संबंधी अध्ययन किया जा रहा है।
  • डॉ महेंद्रन "डिफ्यूजन टेंसर इमेजिंग की क्लिनिकल यूटिलिटी ऑफ डिफ्यूजनटेन्सर इमेजिंग इन प्रेडिक्टिंग फंक्शनल मोटर इंप्रूवमेंट इन प्रेडिक्टिंगइनट्रुमैटिक कम्प्लीट सर्वाइकल कॉर्ड इंजरी- डॉ सत्‍य प्रभु के मार्गदर्शन में एक संभावित ऑब्जर्वेशनल स्टडी कर रहे हैं।
  • 10) डॉ. ए.एस.रमेश और डॉ.एम.मनोरंजि‍ताकुमारी के मार्गदर्शनमें "सीटी परफ्यूज़न स्कैन का उपयोग कर घातक मध्य मस्तिष्क रोधगलन वालेरोगियों में मस्तिष्कीय रक्त प्रवाह के बाद डीकंप्रेसिव क्रेनिएक्टोमी परआकलन" पर डॉ. श्रीकेश ने एक पाइलट प्रॉजेक्‍ट कर रहे हैं।
  • डॉ. आर. गोपीकृष्णन के मार्गदर्शन में सिर की चोट केरोगियों में एंडोक्रिनोलॉजिकल असामान्यताओं‘’ - पर एक संभावित अध्ययन कर रहे हैं।

प्राप्त अनुदान(भीतरी और बाहरी) (2020-21 में प्रोजेक्ट टाइटल की सूची, टेबल फॉर्मेट में) 

क्रम सं.

प्रधान अन्‍वेषक

 

शीर्षक

ऐजेंसि

 

राशि अनुदान

 

सहयोगी विभाग 

स्‍थ‍िति

 

1

डॉ मनोरंजिता कुमारी।

 

प्राथमिक बाल चिकित्सा ब्रेन ट्यूमरपर अध्ययन - क्लिनिकोरेडियोलॉजिकल पैथोलॉजिकल प्रोफाइल " 

जिपमेर भीतरी अनुदान

रू.1,50,000

-

2019-21

पेटेंट के लिए आवेदन किया / दिया गया- शून्य

प्रकाशन – इंडेक्‍ज़्ड जर्नल 

  1. दिनेश नीति, कृष्णन नागराजन, मणि मनोरंजि‍ता कुमारी, ललित कुमार बल्ला, सुशीला चौहान – ‘’सिस्ट और सतही साइडरोसिस के साथराइट ट्राइगोनलकैवर्नोमा’’: इंडियन जर्नल ऑफ न्यूरोसर्जरी। डीओआई: 1055/एस-0041-1727424।
  2. सतीश .एस., कुमारी, एम.एम, प्रेम, एस.एस, और शशिधरन, जीएम (2021) –‘’मेटास्टेटिक डिम्बग्रंथि के कैंसर के एक मामले में हाइड्रोसिफ़लस के लिए शंट सर्जरी केबाद गर्दन के उपचर्म वातस्फीति: उदाहरण के मामले’’, जर्नल ऑफ़ न्यूरोसर्जरी: केस लेसन जे.एन.एस.सी.एल, 1(8), CASE20157। 2 जुलाई, 2021 को https://thejns.org/ caselessons/view/journals/j-neurosurg-case-lessons/1/8/article-CASE20157. xml से लिया गया।
  3. शशिधरन .जी.एम, लतिका .डी, भारती .डी – ‘’सिर की चोट में सर्जरी की आवश्यकता की प्रिडिक्‍ट भविष्यवाणी करने के लिए ब्लीड टू ब्रेन रेशियो की व्युत्पत्ति। न्यूरोल इंडिया 2020; 68: 1151-6।पी.एम.आई.डी: 33109866 डीओआई: 4103/0028-3886.299134।
  4. अक्षता आर , राखी विश्वास , गोपालकृष्णन माधवन शशिधरन, सिंधुसुता दास – ‘’माथे पर एक उदास फ्रैक्चर घाव से डेसल्फोविब्रियो वल्गरिस का असामान्य अलगाव।‘’ ऐनाईरोब. 2020 अक्‍तूबर; 65:102264। डी.ओ.आई: 10.1016/j.anaerobe.2020.102264। एपब 2020 अगस्त 27। पी.एम.आई.डी: 32860932।
  5. श्रीधरन .के, साहू .जे, पलुई .आर, पाटिल .एम, कमलनाथन .एस, रमेश .ए.एस, एवं अन्‍य- ‘’गर्भावस्था के दौरान कुशिंग रोग का निदान और उपचार के परिणाम।‘’ पिट्यूटरी। 2021 मार्च डी.ओ.आई: 10.1007/s11102-021-01142-7. मुद्रण से पहले ई - प्रकाशन। पी.एम.आई.डी: 33779937।
  6. मधुगिरी .वी.एस, मोइयादी .ए.वी, शेट्टी .पी, गुप्ता .टी, एपरी .एस, जलाली .आर, एवं अन्‍य -‘’ग्लियोब्लास्टोमा के रोगियों में दीर्घकालिक जीवन रक्षा से जुड़े कारकों का विश्लेषण।‘’ विश्व न्यूरोसर्जरी। 2021;149:ई758-65।
  7. जिपमेर मृतक दाता प्रत्यारोपण समिति (जे.डी.डी.टी.सी) – ‘’भारत में एक सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पताल में एक मृत दाता प्रत्यारोपणकार्यक्रम और उसके प्रभाव की स्थापना-भारत से एक एकल केंद्र अनुभव।‘’ ज. ट्रांसप्लांट 2020; 14: 321-32।(लेखन कार्य समूह के सदस्य: इलक्कुमणन, लेनिन बाबु; नायर, प्रदीप पंकजाक्षन; परमेश्वरन, श्रीजीत, पोट्टक्कट बीजु, रमेश.ए.एस)
Last Updated :01-Sep-2022