सामान्य जानकारी
डॉ. ए. एस. रमेश दिनांक 1 जुलाई 2020 से विभागाध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किए गए। तंत्रिका शल्यचिकित्सा विभाग प्रत्येक सोमवार (डॉ. ए. एस. रमेश, डॉ. ए. सत्य प्रभु एवं डॉ. गोपीकृष्णन) और गुरूवार (डॉ. एम. एस. गोपालकृष्णन एवं डॉ. एम. मनोरंजिता कुमारी) को ओ.पी.डी. स्यूट 5110, प्रथम तल, एस.एस.बी. ओ.पी.डी. समुच्चय में बहिरंग रोगी क्लिन्इक का आयोजन करता है। डॉ. ए. एस. रमेश सोमवार को उसी ओ.पी.डी. क्षेत्र में ''जिपमेर स:व़्इकल स्पॉन्डिलोसिस क्लिन्इक'' जो स्पॉन्डिलोसिस रोगियों के लिए विस्तृत देखभाल प्रदान करता है और फ़िज़िओथेरपि सेवाओं सहित ''पीडिऐट्रिक स्पाइन क्लिन्इक'' का संचालन करते हैं।
ई.एम.एस.डी. में तंत्रिका शल्यचिकित्सा विभाग को रफ़र किये गये रोगियों की औसत संख्या प्रतिदिन लगभग 30 है। वर्ष 2020-2021 में, हम आपातकालीन एवं ट्रॉमा ऑपरेशन थिएटर में लगभग 700 न्यूरोट्रॉमा और नॉन-ट्रॉमा तंत्रिका शल्यचिकित्सा आपातकालीन रोगियों की शल्यप्रक्रियाएं करने में सफल रहे हैं। विभाग बहु संख्यक अंतर-विभागीय रेफ़रल्स को भी संभालता है। इसकी संख्या प्रति माह 150 के आस-पास है।
विभाग के पास सप्ताह के पांच दिन प्रतिदिन एक ओ.टी. टेबल स्लॉट होता है। रिपोर्टिंग अवधि के दौरान एन्डोव़ैस्क्यूल न्यूरो सर्जरी के अलावा सभी प्रकार के तंत्रिका शल्यचिकित्सा प्रक्रियाएं पूरी की गईं। हमने वर्ष 2020-2021 में एस.एस.बी. के वैकल्पिक तंत्रिका शल्यचिकित्सा ऑपरेशन थिएटर में लगभग 90 इलेक्टिव केसस की शल्यचिकित्सा की। हमारा विभाग कोविड-19 की देखभाल में भी सक्रिय रूप से शामिल था। हमारे संकाय और वरिष्ठ रेज़िडेन्ट्स कोविड देखभाल कार्यों के लिए तैनात किए गए थे। हमने कोविड ऑपरेशन थिएटर में लगभग 23 ट्रॉमा और नॉन-ट्रॉमा न्यूरोसर्जिकल आपातकालीन केसस को ऑपरेट किया गया।
कोविड लॉकडाउन के दौरान, हमने एक टेलिकॉन्सल्टेशन मॉड्यूल के माध्यम से लगभग 7500 रोगियों से संपर्क किया। इन रोगियों को परामर्श एवं औषध निर्देश मिले तथा जिन्हें इन्टव़ेन्शन्स की आवश्यकता थी उन्हें प्रवेश के लिए बुलाया गया।
संकायों ने न्यूरोवैस्क्यूलर सर्जरी, स्कल बेस घावों की सर्जरी, कपाल कशेरूकी जंक्शन विकार तथा सुषूम्ना (स्पाइन) की बीमारियों में विशिष्ट उप-विशेषज्ञता हासिल की है। इसके अलावा, पेरिफेरल तंत्रिका शल्यचिकित्सा, बालरोग तंत्रिका शल्यचिकित्सा, एप्इलेप्सी सर्जरी और न्यूरो-ऑन्कोलॉजी सेवाएं अच्छी तरह से स्थापित है। वैस्क्यूल और स्कल बेस विक्षति के लिए न्यूनतम एक्सेस अप्रोच का प्रदर्शन किया जाता है। एन्डोस्कौपिक पिटयुइटरि सर्जरी और इन्ट्रा-वेंट्रिक्यूल सर्जरी नियमित रूप से की जाती हैं।