अनुसंधान
थ्रस्ट एरिया
- पेरिनेटल ऐस्फ़िक्सिअ/ थेराप्यूटिक हॉईपोथर्मिअ।
- नियोनेटल सेप्सिस।
- क्वालिटी इम्प्रूवमेन्ट।
- मानव दूध बैंकिंग।
- न्यूरोडेवलप्मेन्टल आइटकम ऑफ हाई-रिस्क नियोनेटस।
- कन्गारू मदर केयर।
हाल ही में वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाएँ
क्रम. सं. | प्रधान अन्वेषक | परियोजनाओं का शीर्षक | एजेंसी | राशि |
1 | डॉ. आदिशिवम .बी | चरण III, मॅल्टिसेंटर, रैन्डमाइज़्ड, डबल-ब्लाइंड, प्लेसबो-कन्ट्रॉल्ड अध्ययन भारत में 0-2 महीने के कम जन्म वजन वाले शिशुओं में नवजात सेप्सिस की रोकथाम केलिए प्रोबायोटिक पूरकता की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए (ProSPoNS अध्ययन) | आई.सी.एम.आर और यू.के.आर.आई | 1.6 करोड़ |
2 | डॉ. आदिशिवम .बी | NeoAMR ग्लोबल नियोनेटल सेप्सिस ऑब्जर्वेशनल स्टडी (NeoOBS): अस्पताल में भर्तीनवजात शिशुओं में सेप्सिस का एक संभावित कोहोर्ट अध्ययन | आई.सी.एम.आर और डी.एन.डी.आई | 55 लाख |
3 | डॉ. निषाद प्लक्काल | ‘’भारत के जिला अस्पताल सेटिंग्स में बहुऔषध प्रतिरोधी नवजात सेप्सिस का बोझ’’। | बीएमजीएफ और आई.सी.एम.आर | 56.7 लाख |
4 | डॉ. निवेदिता मोंडल | भारत में जन्मजात रूबेला सिंड्रोम की निगरानी | आई.सी.एम.आर | 11.6 लाख |
5 | डॉ. निवेदिता मंडल डॉ. थ
| एक किफायती प्रौद्योगिकी के माध्यम से पोस्ट डिस्चार्ज नवजात शिशु की देखभाल - एक क्लस्टर रैन्डमाइज़्ड कन्ट्रॉल्ड ट्रॉयल। | आईआईटी, चेन्नै | 50 लाख |
6 | डॉ. निवेदिता मोंडल | प्रीटरम आई.यू.जी.आर (IUGR) नवजात शिशुओं में मेटाबॉलिक बोन डिजीज की घटना: एक प्रॉस्पेक्टिव कोहॉ:र्ट स्टडी। |
जिपमेर | रु 1,50,000 |
7 | डॉ.आदिशिवम बी | ‘’हाइपोक्सिक इस्केमिक एन्सेफैलोपैथी वाले शिशुओं के प्रबंधन में चिकित्सीयहाइपोथर्मिया के सहायक के रूप में मैग्नीशियम सल्फेट: एक रैन्डमाइज़्ड कन्ट्रॉल्ड ट्रॉयल। | जिपमेर | 1.43 लाख |
8 | डॉ. आदिशिवम बी | ‘’नवजात सेप्सिस में मेजबान प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के एपिजेनेटिक नियम’’। | जिपमेर | 5.25 लाख |
9 | डॉ. निषाद प्लक्काल
| हाइपोक्सिकइस्केमिक एन्सेफैलोपैथी वाले शिशुओं के न्यूरोबिहेवियरल और विकासात्मकपरिणाम पर परिवार केंद्रित प्रारंभिक हस्तक्षेप की प्रभावशीलता | जिपमेर | 3 लाख |
10 | डॉ. सिंधु शिवानंदन | कोविड-19 (COVID-19) महामारी के दौरान नवजात अनुवर्ती के लिए टेलीकंसल्टेशन का प्रभाव: एक रैन्डमाइज़्ड कन्ट्रॉल्ड ट्रॉयल। | जिपमेर | 7,000 |
हाल ही में पूर्ण हुई परियोजनाएं
i) नियोएएमआर (NeoAMR) ग्लोबल नियोनेटल सेप्सिस ऑब्जर्वेशनल स्टडी (नियोओबीएस) (NeoOBS): अस्पताल में भर्ती नवजात शिशुओं में सेप्सिस का एक प्रॉसपेक्टिव कोहॉर्ट अध्ययन।
ii) ‘’प्रीटरम एंटरल फीडिंग के लिए पोषण गुणवत्ता में सुधार के लिए दाता मानव दूध का स्तरीकृत पूलिंग’’ - लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी।
iii) ‘’हाइपोक्सिकइस्केमिक एन्सेफैलोपैथी वाले शिशुओं के प्रबंधन में चिकित्सीय हाइपोथर्मिया के सहायक के रूप में मैग्नीशियम सल्फेट’’: एक रैन्डमाइज़्ड कंट्रोल्ड ट्रॉयल।
iv)‘’हाइपोक्सिक इस्केमिक एन्सेफैलोपैथी वाले शिशुओं के न्यूरोबिहेवियरल और विकासात्मक परिणाम पर परिवार केंद्रित प्रारंभिक हस्तक्षेप की प्रभावशीलता।‘’
v) नवजात गहन देखभाल इकाई में परिवार केंद्रित देखभाल लागू करना - एकगुणवत्ता सुधार पहल’’।
vi) ‘’दक्षिण भारत में एक मानव दूध बैंक में स्वैच्छिक दूध दान में सुधार के लिए एक गुणवत्ता सुधार परियोजना’’।
Last Updated :25-Aug-2022