सामान्य जानकारी

चिकित्सा शिक्षा विभाग के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • संस्थान, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर क्षमता निर्माण एवं संकाय विकास कार्यक्रमों का संचालन करना।
  • जिपमेर के छात्रों एवं रेज़िडेन्ट्स के लिए बुनियादी पाठ्यक्रम, अभिविन्यास कार्यक्रम तथा अन्य शैक्षणिक प्रशिक्षण के संचालन हेतु एक केन्द्रीय विभाग के रूप में सेवा प्रदान करना।
  • संकायाध्यक्ष (शैक्षणिक) के दिशानिर्देश में संस्थान के शिक्षण, अधिगम और मूल्यांकन प्रक्रियाओं की निगरानी और शिक्षण व अधिगम (प्रेक्षण, फीडबैक, विश्लेषण, कार्य योजना, कार्यान्वयन आदि) में छात्रवृत्ति सुनिश्चित करना।
  • शिक्षण- अधिगम, मूल्यांकन और मूल्यांकन सहित छात्र सहायता सेवाओं के मानक सुनिश्चित करने के लिए नीतियों की सिफारिश करना और शैक्षिक समाधान प्रदान करना।
  • पाठ्यक्रम की आवधिक समीक्षा हेतु संकायाध्यक्ष (शैक्षणिक) को समर्थन करना।
  • चिकित्सा, नर्सिंग और सहबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान के छात्रों के लिए शिक्षा विज्ञान के लिए शिक्षण सहायता प्रदान करना।
  • छात्रों के चयन और उनके सीखने के अनुभव में प्रशासन को शैक्षणिक परामर्श प्रदान करना।
  • चिकित्सा शिक्षा में अनुसंधान का समर्थन करना।
  • अकादमिक नेतृत्व पर अन्य विश्वविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों को प्रशिक्षण और परामर्श सेवाएं प्रदान करना।
  • क्षमता निर्माण के लिए स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना।
  • प्रत्यायन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए डेटाबेस को दर्ज/बनाए रखना।

      चिकित्सा शिक्षा विभाग की व्यापकता उपरोक्त तक सीमित नहीं है, क्योंकि संस्थान के शैक्षणिक प्रमुख के साथ समन्वय/संबद्धता बनाए रखने में चिकित्सा शिक्षा विभाग को बहु-आयामी भूमिकाएँ निभानी होती हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग को चिकित्सा शिक्षक प्रशिक्षण में अग्रदूत के रूप में प्रशंसित किया गया है जिसे शिक्षा विज्ञान एवं तकनीक में स्वास्थ्य संव्यावसायिकों के प्रशिक्षण को बढ़ावा देने, चिकित्सा शिक्षा के लिए व्यवस्थित शैक्षणिक योजना लागू करने और शिक्षण अनुसंधान के लिए स्थापित किया गया था।

      चिकित्सीय शिक्षा विभाग वार्षिक कार्यक्रम जैसे कि वरिष्ठ रेज़िडेन्ट्स के लिए चिकित्सीय शिक्षा पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, गुणवत्ता देखभाल पर अंत:शिक्षु अभिविन्यास कार्यक्रम, अनुसंधान पद्धति पर स्नातकोत्तर अभिविन्यास कार्यक्रम और एम.बी.बी.एस. के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए बुनियादी पाठ्यक्रम आयोजित करता है। विभाग वर्ष 2010 से प्रति वर्ष एम.एससी. (नर्सिंग) छात्रों को नर्सिंग शिक्षा पढ़ाने के लिए अपने संकायों की प्रतिनियुक्ति कर नर्सिंग कॉलेज को शैक्षिक रूप से सहायता प्रदान करता है।

      विभाग पाठ्यक्रम विकास के साथ-साथ चिकित्सीय शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में क्रियात्मक अनुसंधान भी करता है। विभाग एम.बी.बी.एस. छात्रों और संकायों से फ़ीड्बैक लेने में संकायाध्यक्ष (शैक्षणिक) की सहायता करता है। विभाग ने नव स्थापित जिपमेर कारैक्‍काल में पाठ्यक्रमों के विकास के लिए पाठ्यक्रम समिति के साथ समन्वित किया गया। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम की चरण-1, चरण-2 और चरण-3 (भाग 1 एवं 2) के पुनर्निर्माण के लिए संकायाध्यक्ष कार्यालय को अपनी शैक्षणिक सहायता प्रदान की। विभाग को जिपमेर, पुडुच्चेरी और जिपमेर, कारैक्‍काल के लिए नए एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम की कार्यान्वयन गतिविधियों की संग्रहण तथा आयोजन की ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गई थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित तमिल भाषा शिक्षण कार्यक्रम का अच्छा स्वागत किया गया और इससे संकाय  सदस्यों और रेज़िडेन्ट्स को स्थानीय भाषा सीखने में काफी मदद मिली जो चिकित्सक-रोगी संवाद के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की कौशल प्रयोगशाला क्लिन्इकल तथा निर्णय लेने की निपुणता के विकास के लिए सिमुलेशन आधारित शिक्षा में संकायों, छात्रों और रेज़िडेन्ट्स को प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान की जाती हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग जिपमेर की विभिन्न कॉरपोरेट गतिविधियों जैसे जिपमेर गुणवत्ता परिषद्, स्मार्ट जिपमेर कार्यक्रम, जिपमेर सहायता समूह और निदेशक, जिपमेर द्वारा समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्यों में भी सक्रिय रूप से सम्मिलित है।

      चिकित्सा शिक्षा विभाग वर्ष 1976 से स्वास्थ्य संव्यावसायिको के शिक्षकों के लिए शैक्षिक विज्ञान पर राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का संचालन कर रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग लोकप्रिय रूप से ‘‘मदर एन.टी.टी.सी. (राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र)’’ के रूप में जाना जाता है और यह सबसे लंबे समय तक चलने वाला राष्ट्रीय पाठ्यक्रम संचालित करता है जो भारत में सबसे बड़ा क्षमता निर्माण केंद्र बनाता है। इन प्रशिक्षणों ने अन्य देशों जैसे बांग्लादेश, नेपाल, मंगोलिया और अफ़गानिस्तान के चिकित्सा शिक्षकों को भी लाभान्वित किया है। यह मेन्टी संस्थानों- एम्स भोपाल और एम्स पटना के लिए ऑफ़साइट चिकित्सा शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है। इसके अलावा, विभाग ने एम्स ऋषिकेश, एम्स भुवनेश्वर, एम्स कल्याणी और एम्स बीबीनगर में ऑफ़साइट चिकित्सा शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। विभाग स्वास्थ्य संव्यावसायिकों के शिक्षकों के लिए शिक्षा विज्ञान पर राष्ट्रीय पाठ्यक्रम जैसे संकाय विकास कार्यक्रमों का संचालन करके चिकित्सा शिक्षा में राष्‍ट्रीय क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में 2114 राष्ट्रीय संकायों को प्रशिक्षित किया है।

      राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद् (NMC) ने पुदुच्‍चेरी और तमिलनाडु के अठारह मेडिकल कॉलेजों के संकाय सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए जून 2015 से चिकित्‍सा शिक्षा विभाग को चिकित्सा शिक्षा में संकाय विकास कार्यक्रमों के लिए एन.एम.सी. क्षेत्रीय केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान की। अब तक जिपमेर एन.एम.सी. क्षेत्रीय केंद्र ने चिकित्सा शिक्षा तकनीक में ऱिव़ाईज़्ड बेसिक कोर्स वर्कशॉप (आर.बी.सी.डब्ल्यू.), ऐटिट्यूड एथ्‍इक्स एण्ड कम्यूनिकेश़न मॉड्युल (ए.ई.टी.सी.ओ.एम.) और कॅरिक्यूलम इम्प्लिमन्टेशन सपोर्ट प्रोग्राम (सी.आई.एस.पी.) में कुल 792 लोगों को प्रशिक्षित किया है।

      यह विभाग एन.एम.सी. द्वारा आबंटित मेडि्कल कॉलेजों की चिकित्सा शिक्षा एककों और एम्स संस्थानों में उन एककों के लिए विनियोजित गतिविधियों में विशेषज्ञ संसाधक के तौर पर भाग लेकर मार्गदर्शन तथा परामर्श सेवाएं भी प्रदान करता है।

Last Updated :29-Aug-2022