सामान्य जानकारी
जैवसांख्यिकी विभाग, जिपमेर प्रशासनिक ब्लॉक के चौथे मंजिर पर कार्यरत है, सन 2011 से एक स्वतंत्र पूर्ण विकसीत विभाग के रूप में परिणत हो गया। विभाग में दो वर्ष का मास्टर कार्यक्रम और जैवसांख्यिकी में एक पूर्णकालिक पीएच.डी. कार्यक्रम है। विभाग ने दो सप्ताह की अवधि के लिए जिपमेर रिसर्च लीडरशीप मॉनिटरिंग प्रोग्राम (जे.आर.एल.एम.पी.) नामक एक अनुसंधान परामर्श कार्यक्रम बनाया और इसे प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय स्तर के संकाय भागीदारी के साथ आयोजित किया जाता है। विभाग संस्थान के जैवसांख्यिकी, जनसांख्यिकी और चिकित्सा स्नातकपूर्व अनुसंधान कार्य-प्रणाली, चिकित्सा स्नातकोत्तर, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान के छात्रों और पीएच.डी. शोधार्थियों के शिक्षण का ध्यान रखता है। विभाग चिकित्सा स्नातकपूर्वों, चिकित्सा स्नातकोत्तर, पीएच.डी. शोधार्थियों और संस्थान के संकाय सदस्यों को उनकी शोध परियोजनाओं एवं थीसिस के लिए सांख्यिकीय परामर्श भी प्रदान किया जाता है। विभाग ने रिपोर्ट वर्ष के दौरान एम.डी./एम.एस./डी.एम./ एम.सीएच. रेजिडेन्टों के लिए पांच अभिविन्यास कार्यक्रम, एम.एससी. संबद्ध विज्ञान/नर्सिंग के लिए एक अभिविन्यास कार्यक्रम और पी.एचडी. शोधार्थियों के लिए एक अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया। विभाग के सभी संकाय सदस्य इंडियन सोसाइटी फॉर मेडिकल स्टेट्इस्टिक्स के 38वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन में शामिल थे, जो दिसंबर 2020 में हुआ था और शोध प्रबंध भी प्रस्तुत किए गए थे। विभाग के संकाय सदस्यों ने रिपोर्ट वर्ष के दौरान राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य, विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं के डेटा सुरक्षा और निगरानी समिति के सदस्य और अध्यक्ष, क्रोचरन सहयोग और अन्य वैज्ञानिक पीर समीक्षा (रिव्यू) जर्नल के संपादकीय बोर्ड, विभिन्न राष्ट्रीय कार्यशालाओं एवं संगोष्ठियों के लिए विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया। विभाग के संकाय ने इन्डेक्स जर्नल में अनेक लेखों को प्रकाशित किया तथा संस्थान के संकाय प्रकाशनों में अपना योगदान दिया। विभाग के दो पीएच.डी. शोधार्थियों ने संस्थान अनुसंधान दिवस के अवसर पर सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुति पुरस्कार जीता और सभी एम.एससी. उत्तीर्ण छात्रों को स्थानन मिला।
Last Updated :26-Aug-2022