शैक्षिक
स्नातकपूर्व : विभाग ने अपने स्नातकपूर्व शिक्षण कार्यक्रमों को जारी रखा जिसमें एम.बी.बी.एस. (187 छात्र), बी.एससी. (एम.एल.टी.)(63 छात्र), बी.एससी. (संबंध चिकित्सा विज्ञान -32 छात्र), बी.एससी. (नर्सिंग) (94 छात्र), एम.आर.टी. (10 छात्र), और एम.आर.ओ. (10 छात्र) शामिल है। स्नातकपूर्व छात्रों के लिए एन.एम.सी. मानदण्डों के अनुसार छोटे समूह में चर्चा, अल्इ क्लिनिकल इक्सपोश्जर, रचनात्मक मूल्यांकन, सी.बी.एम.ई. के अनुसार ट्यूटोरियल्स जैसी शिक्षण की नयी पद्धतियाँ भी शामिल है। विभाग ने इन छात्रों के लिए विशेष रूप से दो सप्ताह के अभिविन्यास कार्यक्रम में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इन परिवर्तनों को जीवरसायन में उनकी अवधारणाओं को दृढ बनाने के लिए आरंभ किया गया था, जबकि उन्हें स्वयं सीखने और आजीवन सीखने की अवधारणाओं से अवगत करवाया गया था।
स्नातकोत्तर : इसमें एम.एससी. (मेडिकल बॉयोकेमिस्ट्री) के 4 छात्र (I,II और III वर्ष) के वार्षिक दाखिले के साथ, और एम.डी. (बॉयोकेमिस्ट्री) (3 वर्ष का पाठ्यक्रम) प्रति वर्ष 5 छात्रों को दाखिला दिया जाता है। विभाग नियमित रूप से संगोष्ठी, नैदानिक मामलों की चर्चा और जर्नल प्रस्तुतिकरण करता है। इस शैक्षणिक वर्ष में एम.डी. छात्रों के पाठ्यक्रम का पुनर्निर्धारण किया गया और प्रयोगशाला शिक्षाविदों, मामला आधारित चर्चा को पेश किया गया। नैदानिक प्रदर्शन के उनके अनुभव और नैदानिक जीवरसायन से इसके सहसंबंध को उनके स्नातकोत्तर शिक्षण के हिस्से के रूप में केस प्रस्तुति के माध्यम से पुनर्निर्धारित किया गया। स्नातकोत्तर छात्रों ने स्यूपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक में नियुक्ति के बाद, अपने कार्यकाल की समीक्षा के संबंध में विभागीय प्रस्तुतिकरण दी। वर्तमान में विभाग में 5 वरिष्ठ रेजिडेन्ट्स और 13 पीएच.डी. शोधार्थी है।