अनुसंधान

 शोध पूर्ण (2020-21) 

  1. 1. पेर्फोरेशन पेरिटोनिटिस वाले रोगियों में डायाफ्रामिक फ़ंक्शन का प्रीऑपरेटिव अल्ट्रासाउंड का मूल्यांकन - एक क्रॉस सेक्शनल तुलनात्मक अध्ययन। इस अध्ययन में पाया गया कि पेर्फोरेशन पेरिटोनिटिस वाले रोगियों में डायाफ्राम का कार्य काफी कम हो गया था।यहभी पाया गया कि अंत-प्रेरणा और अंत-समाप्ति में डायाफ्रामिक मोटाई काअल्ट्रासाउंड माप पेर्फोरेशन पेरिटोनिटिस वाले रोगियों में एक्सट्यूबेशन परिणाम की प्रिडिक्‍ट करने के लिए एक उपयोगी उपकरण हो सकता है।
  2. स्पाइनल एनेस्थीसिया के तहत सिजेरियन सेक्शन से गुजरने वाले रोगियों में कंपकंपीऔर हाइपोथर्मिया पर कम खुराक वाले फिनाइलफ्राइन जलसेक का प्रभाव - एकरैन्‍डमाइज़्ड नैदानिक ​​​​अध्ययन।इसअध्ययन में यह पाया गया कि नियंत्रण समूह की तुलना में रोगनिरोधीफिनाइलफ्राइन जलसेक प्राप्त करने वाले रोगियों में कंपकंपी की घटना काफी कमथी और इसी तरह फेनलेफ्राइन जलसेक समूह में हाइपोथर्मिया की सीमा काफी कमथी।
  3. सेप्सिस के रोगियों में धमनी और वीनॅस लैक्टेट के बीच समझौता - इस अध्ययन में हमने सेप्सिस और सेप्टिक शॉक के रोगियों में धमनी और वीनॅस रक्‍त के नमूनों से प्राप्त लैक्टेट स्तरों के बीच एक अच्छा समझौता पाया। इसलिए सेप्टिक रोगियों के निदान और प्रबंधन के लिए वीनॅस और धमनी लैक्टेट मूल्यों का परस्पर उपयोग किया जा सकता है  
  4. सील की पर्याप्तता के लिए एंडोट्रैकियल ट्यूब कफ इन्‍फ्लेशॅन के तीन तरीकों का तुलनात्मक मूल्यांकन: इस अध्ययन में यह पाया गया कि ई.टी. ट्यूब कफ इन्‍फ्लेशॅन के ऑस्केल्टेशन गाइडेड, पैल्पेशन गाइडेड और ऑडिबल लीक गाइडेड मेथड्स में से ऑस्केल्टेशनगाइडेड मेथड सबसे अच्छा हासिल करता है।  
  5. एक्यूट सबड्यूरल हेमेटोमा की इवाक्‍यूशॅन के दौर से गुजर रहे सिर की चोट वाले रोगियोंमें मेटबॉलिक प्रोफ़ाइल को बनाए रखने में प्लास्मैलाइट के साथ सामान्य खाराकी प्रभावकारिता की तुलना - एक प्रोस्‍पेक्टिव रैन्‍डमाइज़्ड कंट्रोल ट्रॉयल। क्रानियोटॉमी और तीव्र एस.डी.एच की इवाक्‍यूशॅन से गुजरने वाले रोगियों में सामान्य खारा कीतुलना में प्लाज़्मालाइट अधिक अनुकूल मेटबॉलिक प्रोफ़ाइल बनाए रखता है। दो समूहों में रोगियों के बीच अंतःक्रियात्मक मस्तिष्क छूट में कोई अंतर नहीं था।इसलिए, टीबीआई रोगियों में रखरखाव तरल पदार्थ के रूप में प्लास्मैलाइट का उपयोग करना विवेकपूर्ण हो सकता है।  
  6. डे-केयर गायनोकोलॉजिकल लैप्रोस्कोपी में पोस्ट ऑपरेटिव मतली और उल्टी की रोकथाम केलिए डेक्सामेथासोन-ऑनडेनसेट्रॉन वेर्सस ओरल एपरेपिटेंट वेसर्स डेक्सामेथासोन-ऑनडेनसेट्रॉन -ओरल एप्रेपिटेंट संयोजन का प्रभाव एक रैन्‍डमाइज़्ड क्लिनिकल ट्रॉयल - इस अध्ययन में, प्रारंभिक पोस्ट की घटना और गंभीरता- तीन अलग-अलग एंटी-इमेटिकरेजिमेंस के साथ ऑपरेटिव मतली और उल्टी (पीओएनवी) का मूल्यांकन किया गया। यह पाया गया कि एप्रेपिटेंट, डेक्सामेथासोन और ऑनडेंसट्रॉन का संयोजन अकेलेप्रशासित एप्रेपिटेंट की तुलना में किसी भी श्रेष्ठता को प्रदर्शित करनेमें विफल रहा, या डेक्सामेथासोन-ऑनडेंसट्रॉन संयोजन, डे केयर गायनेकोलॉजिकल लैप्रोस्कोपी के बाद शुरुआती पी.ओ.एन.वी की घटना या गंभीरता के संबंध में।
  7. कोस्टोफ्रेनिक रिसेस का सोनोग्राफिक मूल्यांकन और हृदय शल्य चिकित्सा के बाद छाती केएक्स-रे निष्कर्षों के साथ इसका संबंध - एक क्रॉस-सेक्‍शॅनल स्‍टडी : इस अध्ययन में, छाती के विकल्प के रूप में, कॉस्टोफ्रेनिक अवकाश केअल्ट्रासाउंड मूल्यांकन की व्यवहार्यता, सुरक्षा और सटीकता। कार्डियकसर्जरी के दौर से गुजर रहे मरीजों में एक्स-रे का मूल्यांकन किया गया। यह निष्कर्ष निकाला गया कि कोस्टोफ्रेनिक रिसेस का सोनोग्राफिक मूल्यांकन शायद पोस्ट कार्डिएक सर्जरी सेटिंग में दैनिक छाती रेडियोग्राफी के लिए एकलागत प्रभावी, सुरक्षित और काफी सटीक विकल्प हो सकता है।
  8. इफेक्‍ट ऑफ सेडेशॅन फॉर मेग्‍नेटिक रिसोनॅन्‍स इमेजिंग ऑन ऐयरवे कॉन्फिग्रेशन इन चिल्‍ड्रना – कम्‍पैरिज़न ऑफ प्रोफॉल विथ मिंगल डोस केटामाइन – एक रैन्‍डमाइज़्ड कन्‍ट्रॉल्‍ड ट्रॉसल - इस अध्ययन में, एकल खुराक केटामाइन के साथ प्रोपोफोल वेर्सस प्रोपोफोल के तहतएमआरआई मस्तिष्क से गुजरने वाले बच्चों में, ऊपरी वायुमार्ग पार अनुभागीयक्षेत्र और नरम तालू के स्तर पर व्यास, जीभ और एपिग्लॉटिस के आधार परएमआरआई द्वारा मापा गया प्रेरणा और समाप्ति के दौरान तुलना की गई। हमने पाया है कि नरम तालू, जीभ के आधार और एपिग्लॉटिस के स्तर पर अधिकतम और न्यूनतम ऊपरी वायुमार्ग आयामों (mm) के बीच का अंतर केवल प्रोपोफॉल सेडेशन प्राप्त करने वाले समूह में केटामाइन + प्रोपोफोल की तुलना में अधिकथा और दो समूहों के बीच अंतर पाया गया था आंकड़ों की दृष्टि सेमहत्वपूर्ण रहा। एकल खुराक केटामाइन का जोड़ अकेले प्रोपोफॉल की तुलना में वायुमार्ग की सहनशीलता को बेहतर बनाए रखता है और इसी तरह के साइड इफेक्ट प्रोफाइल के साथ बेहतर है।  
  9. स्पाइनल एनेस्थीसिया- इंटरवेंशनल स्टडी के तहत कुल एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टॉमी सेगुजरने वाले मरीजों में प्रीगैबलिन की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करना – इस अध्ययन में हमने निष्कर्ष निकाला था कि प्रीगैबलिन में स्पाइनल एनेस्थीसिया के तहत हिस्टेरेक्टॉमी से गुजर रहे रोगियों में एक ओपिओइड स्‍पेरिंग (opioid sparing) वाला एनाल्जेसिक प्रभाव होता है और स्पाइनल एनेस्थीसिया अवधि भी बढ़ाता है।
  10. इलेक्टिव मैक्सिला डेंटल सर्जरी में नासोट्रैचियल इंटुबैषेण के दौरान कंप्यूटेडटोमोग्राफी गाइडेड राइनोमेट्री माप, नासोएंडोस्कोपी और क्लिनिकल विधियोंद्वारा निर्धारित एंडोट्रैचियल ट्यूब के नाक के मार्ग की आसानी की तुलनाकरना – इस अध्ययन में हमने य‍ह निष्‍कर्ष निकाला कि एंडोट्रैचियल ट्यूब आकार का चयन औरआभासी नाक एंडोस्कोपी विधि द्वारा पेटेंट नथुने के चयन ने एपिस्टेक्सिस की घटनाओं को कम कर दिया था।
  11. निकट अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करके सीजेरियन सेक्शन से गुजरने वाले प्री-एक्लेमप्सिया रोगियों में सेरेब्रल ऑक्सीजन संतृप्ति पर संज्ञाहरण के प्रभाव का मूल्यांकन’’ - एक प्रॉस्‍पेक्टिव अब्‍सर्वेशनल स्‍टडी- इस अध्ययन में, हमने यह निष्कर्ष निकाला है कि घटना से बचने के लिए प्रीक्लेम्पटिक रोगियों में एन.आई.आर.एस का उपयोग नियमित अंतर्गर्भाशयी जटिलताओं में पीडित रोगियों में निगरानी उपकरण के रूप में किया जा सकता है।

ख) प्राप्त अनुदान (भीतरी अनुदान  और बाहरी अनुदान) (2020-21 में)

क्र.सं.

प्रधान अन्वेषक

अनुदान

राशि अनुदान                                     

एजेंसी

1

डॉ .लेनिन बाबु .ई

रु.87,308

2019-20

जिपमेर

2

डॉ. सत्येन परिदा

रु.69,30,000

2020-2023

आई.सी.एम.आर

3

डॉ. सत्येन परिदा और

डॉ. पी. शक्तिराजन

रु.47,41,240

2019-2022

सेर्ब, भारत

4

डॉ. एस.एल. गुप्ता

रु.65620

2019-2021

जिपमेर

5

डॉ. एस. आदिनारायणन

रु.86,000

2019-2022

जिपमेर

6

डॉ. अनुषा चेरियन

रु.1,50,000

2019-2022

जिपमेर

7

डॉ. पी. शक्तिराजन

रु.75000

2019-21

जिपमेर

रु.1,50,000

2019-21

जिपमेर

8

डॉ. चित्रा राजेश्वरी .टी

रु.96,320

2019-21

जिपमेर

रु.61,545

2020-21

जिपमेर

9

डॉ.  प्रिया रुडिंगवा

रु.1,91,800

2020-21

जिपमेर

10

डॉ. अश्विनी कुबेरन

रु.2,57,356

2019-2021

जिपमेर

पेटेंट के लिए आवेदन प्रस्‍तुत  किया गया / प्रदान किया गया (2020-21 में): शून्‍य

प्रकाशन - इंडेक्ज़्ड जर्नल (2020-21 में)

  1. कुंद्रा .पी, विनायगम .एस – ‘’पेरिऑपरेटिव इंट्रावेनस लिडोकेन: स्थानीय सीमाओं को पार करना और प्रणालीगत क्षितिज तक पहुंचना। इंडियन ज एनेस्‍थ. 2020;64:363‐5।
  2. कुंद्रा .पी, विनायगम .एस – ‘’कोविड-19 (COVID-19) कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन : दिशानिर्देश और संशोधन।‘’ ज. एनेस्थिसियोल क्लिन फार्माकोल 2020; 36: S39-44।
  3. मेहदीरत्ता .एल, मिश्रा .एस.के, विनायगम .एस, नायर .ए – ‘’सर्जरी के बाद बढ़ी हुई रिकवरी (ई.आर.ए.एस)…। अभी भी क्षितिज पर एक दूर का धब्बा!’’ . इंडियन ज.एनेस्थ 2021; 65:93-6।
  4. झा .एन, झा .ए.के, मिश्रा .एस.के, सगिली .एच – ‘’पल्मोनरी हाइपरटेंशन और गर्भावस्था के परिणाम: व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-अनैलसिस।‘’ यूर ज. ओब्स्टेट गाइनकोल रेप्रोड बायोल। 2020 अक्टूबर;253:108-116।
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  7. झा .ए.के- ‘’गैर-इनवेसिव वेंटिलेशन विफलता के एक भविष्यवक्ता के रूप में निरंतर जोरदार प्रेरक प्रयास।‘’ एम ज. रेस्पिर क्रिट केयर मेड। 2020 दिसंबर 15;202(12):1738-1739।
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  31. पडाला सरन, बढ़े .ए.एस, परिदा .एस, झा .ए.के – ‘’कार्डियक सर्जरी में पोस्टऑपरेटिव दर्द पर प्रीइंसिजनल और पोस्टिनिसनल पैरास्टर्नल इंटरकोस्टल ब्लॉक की तुलना। ज. कार्ड सर्ज 2020; 35: 1525-1530।
  32. परिदा .एस, पाटिल .पी, प्रसाद .एस.के.एस, झा .ए.के, पन्‍नीरसेल्वम .एस – ‘’कार्डियोपल्मोनरी बाईपास के दौरान जमावट का त्वरित इंट्रावास्कुलर सक्रियण।‘’ इंडियन ज. हेमटोल ब्लड ट्रांसफस 2020; 36: 585-587।
  33. प्रणित .पी, शक्तिराजन .पी, प्रिया .आर – ‘’फंसी हुई श्वासनली ट्यूब, श्वासनली के उच्छेदन और पुनर्निर्माण के बाद निष्कासन विफलता का एक असामान्य कारण।‘’ एन कार्ड एनेस्थ। 2020;23:250-251।
  34. पन्नीरसेल्वम .एस, शिवकुमार .आर.के, जोसफ .सी.ए, पौनराज .एस – ‘’लेरिंजियल मास्क एयरवे टाइप 7 टेसियर सिंड्रोम वाले शिशु में इंटुबैषेण से पहले वेंटिलेशन की सुविधा के लिए।‘’ सऊदी ज. अनास्थ। 2020;14:289-290।
  35. सामी .एन.एम.पी, तंगस्वामी .सी.आर, श्रीवत्स .वी.आर, हरिकृष्णन .टी – ‘’एपिकल हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (यामागुची सिंड्रोम) का पेरिऑपरेटिव प्रबंधन, आपातकालीन निचले खंड के सीजेरियन सेक्शन के लिए गर्भावस्था को जटिल बनाता है।‘’ भारतीय ज. अनास्थ। 2020;64(8):725-727।
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प्रकाशन-नॉन इंडेक्‍ज़्ड जर्नल्‍स

  1. समंता रे .एस, दीपश्री, चेरियन .ए, अनीथा, शास्त्री .ए –‘’सेप्सिस में लाइनज़ोलिड प्रतिरोधी एंटरोकोकस फ़ेकियम।‘’ इंडियन ज. माइक्रोबायल रेस 2020;7(1):99-103।
  2. रुडिंगवा .पी, अरसु .एम, पन्नीरसेल्वम .एस, अडैकलवन .जी – ‘’माइक्रोकफ वेर्सस अनकफ्ड ओरल रिंग-अडायर-एल्विन ट्यूब: क्या कफ ही एकमात्र अंतर है?’’ एयरवे 2020; 3(2):105।
  1. रुडिंगवा .पी, अरसु .एम, कण्णामणि .बी, पन्नीरसेल्वम .एस – ‘’मैकिंटोश डिजाइन में एक बदलाव: क्या यह वास्तव में मददगार है?’’ एयरवे 2020;3(3):159।

पुस्तक में अध्याय/सम्मेलन कार्यवाही

  1. कृष्णन .बी, परिदा .एस- ‘’(2021) प्रीऑपरेटिव इवैल्यूएशन एंड इंवेस्टिगेशंस फॉर मैक्सिलोफेशियल सर्जरी।‘’ इन: बोनंथया .के, पन्नीरसेल्वम .ई, मैनुअल .एस, कुमार .वी.वी, राय .ए. (एड्स) ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी फॉर द क्लिनिशियन।‘’ स्प्रिंगर, सिंगापुर। https://डी.ओ.आई: .org/10.1007/978-981-15-1346-6_2।
  2. सम्मेलन की कार्यवाही: परिदा .एस – ‘’कॉर्डियोवैस्‍क्‍युलर इवैल्‍युएशन फॉर नॉन कार्डिएक सर्जरी ऐन्‍ड अप्रोच एम.ए.सी.ई (MACE)’’। किम्‍स (KIMS) एनेस्थीसिया कंटीन्यूइंग एजुकेशन (के.ए.सी.ई) (KACE) 2021 सी.एम.ई. पुस्‍तक।
  3. एस .श्रीनिवासन, प्रसन्ना उडुपी बिडकर – ‘’अप्रोच टू ए पेशन्‍ट विथ कोमा।‘’ इन: प्रसन्ना उडुपी बिडकर, पोन्निया वनमूर्ति।‘’एक्यूट न्यूरो केयर। स्प्रिंगर2020; पी23-35।

न्‍यूज़ लेटर / स्मृति चिन्ह

  1. डॉ. अनुषा चेरियन – ‘’द क्रिटिकल केयर कम्युनिकेशन के लिए जर्नल स्कैन’’ : इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन का एक द्विमासिक न्यूजलेटर।
Last Updated :30-Aug-2022